लखनऊ में चेन स्नेचिंग गैंग एक्टिव है। वे अक्सर किसी काम से अकेली बाहर निकली महिलाओं को टार्गेट करते हैं। ऑटो में या भीड़भाड़ वाली जगहों पर पलक झपकते गले में पहनी सोने की चेन लूटकर फरार हो जाते हैं। इस गैंग में पुरुष ही नहीं महिलाएं और नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं। हर बार चेन स्नेचिंग में ये अलग तरीका अपनाते हैं।
हाल ही में लखनऊ पुलिस ने गैंग से जुड़ी 14 महिलाओं और 1 नाबालिग को गिरफ्तार किया था। लेकिन इसके बाद भी शहर में स्नेचिंग की घटनाएं नहीं रुक रही। कहीं अकेले तो कहीं ग्रुप बनाकर चेन स्नेचिंग की वारदात हो रही है।
पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि इन वारदातों के पीछे गोरखपुर के एक गांव का गैंग है, जिसमें रहने वाले कई परिवार टप्पेबाजी में उस्ताद हैं। वे लखनऊ या ऐसे ही बड़े शहरों में स्नेचिंग करते हैं और वापस गांव लौटकर ज्वेलरी सेल कर देते हैं।
इन 5 वारदातों से समझते हैं कि वे किन नए-नए तरीकों से लूट करते हैं.
1. पहला मामला
डिघारी गांव की रहने वाली महिला रीता सिंह ने मोहनलालगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि सुबह ऑटो से PGI हॉस्पिटल जा रही थी, तभी ई-रिक्शा में कई महिलाएं सवार हो गईं। वे रास्ते में कभी पैर मारती तो कभी कुछ करती। रीता जब पालखेड़ा पेट्रोल पंप के पास उतरी तो उनके गले से सोने की चेन गायब थी।
दूसरा मामला
15 जून को वंदना नाम की महिला मरीज से मिलने PGI आई थी। ई-रिक्शा में बैठी 6 महिलाओं ने उसे बातों में उलझा दिया। एक महिला उल्टी आने का नाटक किया। इसके बाद उसके गले की चेन खींचकर भाग गई। फिर पीड़िता ने थाने में शिकायत की।
पुलिस ने इस मामले में 6 महिलाओं को आवास विकास बस अड्डे के पास से पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि ये महिलाएं चरण भट्ठा रोड के आसपास स्थित होटलों में मरीज की देखभाल करने के नाम पर कमरा लेती थीं। यहीं से वारदात को अंजाम देती और अपने जनपद वापस चली जाती।
तीसरा मामला
आदिल नगर, अल्कापुरी की रहने वाली रीता 28 मई को सुबह करीब 11.30 बजे ई-रिक्शा से गुलाचिन मंदिर जा रही थी। रास्ते मे 4 महिलाएं उसी ई-रिक्शा में सवार हुई। रास्ते में रीता का जानबूझ कर पैर दबा दिया, जिससे उनका ध्यान भटक गया। इसी बीच मौका पाकर गले की चेन गायब कर दिया गया। कीमत करीब 1 लाख रुपए थी। महिला गैंग का खुलासा होने के बाद रीता ने शिकायत की।
चौथा मामला
16 जून को रामनगर LDA कॉलोनी की रहने वाली अर्चना शुक्ला पत्नी स्व. राजेश शुक्ला अपनी बेटी के साथ जा रही थी। डी-ब्लॉक राजाजीपुरम से न्यू अरोड़ा बैंक्वेट हॉल के पास पहुंची थी, तभी दो बाइक सवार दो बदमाश आए और अर्चना के गले की सोने की चेन छीनकर भाग गए।
जिसके बाद महिला ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने मामले में काकोरी के रहने वाले शोभित यादव (20) पुत्र प्रेम यादव और 17 साल के नाबालिग को पकड़ा है। एक साथी नीरज रावत फरार है।
पांचवां मामला
सी-ब्लॉक इंदिरानगर के रहने वाले सिद्धार्थ रस्तोगी पुत्र अजीत रस्तोगी की भूतनाथ मार्केट में सुनार ज्वैलर्स नाम से दुकान है। रविवार को करीब 12:50 पर एक लड़का चश्मा लगाकर दुकान में पहुंचा। उसने सोने की चेन और ब्रेसलेट दिखाने के लिए कहा। इसके बाद 4 लाख के जेवर लेकर भाग गया। मामले में पुलिस ने कानपुर के नौबस्ता के रहने वाले फहीम अहमद को गिरफ्तार किया।
कैसे तैयार होती है इनकी गैंग
ऐसे कई मामलों में देखा गया है कि गैंग के सरगना पुलिस के पकड़ में नहीं आए हैं। असल में वही शहर के इलाके में जाकर रेकी करते हैं। वहां के महौल को समझते हैं। गैंग में हर उम्र के व्यक्ति को शामिल करते हैं। गैंग एक नाबालिग बच्चे को भी रखते हैं, जिससे किसी को शक न हो।
गैंग में शामिल लोग एक-दूसरे से ट्रेनिंग लेते हैं। इसके बाद जब वे पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं, अन्य लोगों को साथ दूसरी जगह पर टप्पेबाजी के लिए भेज दिया जाता है।