लखनऊ नगर निगम की गाड़ियों से तेल चोरी करते हुए चालकों को रंगे हाथ पकड़ा गया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई की और चालकों को रंगे हाथ तेल चोरी करते पकड़ा। दो दिन में दो अलग-अलग स्थानों पर यह कार्रवाई की गई है।
दोनों वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है। चोरी का डीजल खरीदने वाले वाहन चालक की गाड़ी भी मौके से पकड़ी गई है। अधिकारियों ने बताया कि आगे भी इसी तरह की निगरानी की जाएगी।
इस कार्रवाई के दौरान मौके से 300 लीटर डीजल, 6 पाइप, एक स्टील फैनल, डीजल से भरे हुए 10 डिब्बे भी बरामद हुए हैं। बुधवार को नगर आयुक्त को मोबाइल पर सूचना प्राप्त हुई कि सहारा स्टेडियम विपुल खंड गोमती नगर ओवरब्रिज के नीचे नगर निगम के वाहन से डीजल निकाला जा रहा है।
सूचना मिली तो टीम लेकर पहुंचे अपर नगर आयुक्त
सूचना मिली कि गाड़ी संख्या यूपी 33 पीएन 0854 का चालक राजेन्द्र कुमार जो कि कार्यदायी संस्था ओजस्वी के माध्यम से कार्यरत है। एक प्राइवेट वाहन इनोवा चालक संख्या यूपी 32 बी के 6000 के चालक राजू को चोरी से डीजल बेच रहा है।
इसके बाद अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव ने आरआर विभाग के मुख्य अभियन्ता मनोज प्रभात, सहायक अभियन्ता ईशान, जोन चार के अभियन्ता पकंज अवस्थी समेत अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर टीम लेकर पहुंच गए। अपर नगर आयुक्त को देखते ही कर्मचारियों के होश उड़ गए।
प्राइवेट वाहन चालक अधिकारियों को चकमा दे मौके से फरार हो गया। नगर निगम दस्ते ने निगम चालक को मौके पर ही पकड़ लिया। पुलिस को सूचना देने के बाद वाहन चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से इनोवा कार भी जब्त कर ली गई।
इससे पहले भी मंगलवार को भी सूचना मिलने पर नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने गोमती नदी के किनारे भीखमपुर के पास नगर निगम के पानी छिड़काव वाले वाहन को पकड़ा था। चालक अजय को डीजल निकालकर बेचते हुए पकड़ा गया था। मौके से 197 लीटर डीजल, 6 पाइप व एक स्टील फैनल बरामद हुआ था।
कार्यदायी संस्था के खिलाफ होगी कार्रवाई
दोनों वाहनों के चालक कार्यदायी संस्था ओजस्वी के माध्यम से कार्यरत थे। जिनका आरोप है कि निजी संस्था की ओर उन्हें वेतन नही दिया जाता है। बताया कि निजी संस्था चालकों को बिना वेतन के ही कार्य करा रही है, जिसकी वजह से उन्होंने डीजल चोरी की।
बताया कि अधिकतर वाहन चालक डीजल बेचकर ही अपने परिवार को पालन-पोषण करते हैं। उन्हें वेतन नही दिया जाता है। वेतन मांगने वाले वाहन चालकों को नौकरी नहीं दी जाती है। अब नगर निगम प्रशासन निजी संस्था ओजस्वी के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। इससे पहले भी कई संस्थाओं पर तेल चोरी कराने व वेतन न देने के आरोप लग चुके हैं।