राहुल गांधी के जन्मदिन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बधाई दी। जवाब में राहुल ने लिखा- यूपी के दो लड़के हिंदुस्तान की राजनीति को मोहब्बत की दुकान बनाएंगे…खटाखट खटाखट। कल राहुल ने अखिलेश के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए थे।
राहुल ने कहा था- मेन लड़ाई अब उत्तर प्रदेश में होगी। चुनाव आ रहे हैं, यूपी में हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है। हमारा उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छा परफॉर्मेंस होगा। देश की राजनीति को उत्तर प्रदेश बदलता है। मोदी का विजन फेल हो चुका है। यूपी के नतीजों ने देश की राजनीति बदली है। देश में पहले नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही थी। जनता ने उसी का जवाब चुनाव में दिया।
विधानसभा उपचुनाव में हो सकता है सपा-कांग्रेस का गठबंधन
कांग्रेस और सपा आगामी विधानसभा उपचुनाव एक साथ लड़ सकती हैं। दोनों पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय नेताओं के बीच में इसे लेकर बातचीत हो चुकी है।
माना जा रहा है कि उपचुनाव में सपा गठबंधन के तहत 10 में से 2 सीटें कांग्रेस को देगी। सपा गाजियाबाद और एक अन्य विधानसभा सीट कांग्रेस को दे सकती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट…
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप कपूर कहते हैं- मौजूदा हालात और लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए कांग्रेस-सपा का गठबंधन आगामी चुनाव में भी रह सकता है। इंडिया गठबंधन के मजबूत होने के बाद लगातार सपा-कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। जिसमें आपसी सहमति देखने को मिल रही है। यूपी के हालात को देखते हुए अखिलेश और राहुल खुलकर एक दूसरे से वार्ता करने के साथ ही बयान भी दे रहे हैं। 2 दिन पहले दोनों नेताओं ने EVM पर सवाल उठा थे।
सपा-कांग्रेस गठबंधन रहा कारगर
कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था। सपा-कांग्रेस के वोट शेयर में पिछले चुनाव से करीब दोगुना उछाल आया। सपा को 33% जबकि कांग्रेस को 9% वोट मिले हैं। 2019 में दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, तब 24% वोट (कांग्रेस-6%, सपा-18%) मिले थे। अगर पार्टीवाइज बात की जाए तो सपा को 37, भाजपा को 33, कांग्रेस को 6, रालोद को 2, अपना दल (एस) को एक सीट मिली।
राहुल ने रायबरेली क्यों नहीं छोड़ी:यूपी से विपक्ष का नेता बन मोदी को चैलेंज देना चाहते हैं
राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे। रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। UPLIVE.NEWS ने 10 दिन पहले ही बता दिया था कि राहुल वायनाड से इस्तीफा देंगे और प्रियंका गांधी वायनाड से उप-चुनाव लड़ेंगी। राहुल ने वायनाड सीट को छोड़कर देश के सबसे बड़े सियासी स्टेट और गांधी परिवार के गढ़ को फिर से अपना बना लिया।