लखनऊ के किसान पथ पर गुरुवार रात चार गाड़ियां आपस में टकरा गईं। एक्सीडेंट में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 घायलों का इलाज चल रहा है। एक्सीडेंट अनौरा कला गांव के पास हुआ है। घटनास्थल पर दोनों तरफ अंधेरा था। यही हादसे की मुख्य वजह है।
कार सवार आरिफ ने बताया- बिहार के पूर्णिया से कव्वाली करके बदायूं लौट रहे थे। एक गाड़ी पीछे टक्कर मार दी। देखने के लिए गाड़ी किनारे करने की कोशिश की तो एक ट्रक ने भी टक्कर मार दी। पीछे आ रही ओमनी वैन ट्रक के बीच में फंस गई। जिससे उसके परखच्चे उड़ गए।
दोनों गाड़ियों में करीब 13 लोग फंसे थे। राहगीरों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके से पहुंची दोनों टीमों ने कटर से दरवाजे काटकर सबको बाहर निकाला। ट्रक में ड्राइवर और भी खलासी फंसा था। उनको भी निकालकर इलाज के लिए भेजा गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने मुजफ्फरनगर निवासी शहजाद, खंडक निवासी किरन यादव पत्नी लालता प्रसाद, कुंदन पुत्र लालता प्रसाद और हिमांशु पुत्र बजरंग यादव को मृत घोषित कर दिया।
मां को दवा दिलाकर लौट रहा था कुंदन
वैन सवार कुंदन अपनी मां किरन को जुग्गौर दवा दिलाने ले गया था। साथ में गांव के ही दो परिचित हिमांशु और शोभित भी थे। घर पहुंचने से दो किलोमीटर दो ट्रकों के बीच में चलने से हादसे का शिकार हो गए। मौके से पहुंची रेस्क्यू टीम ने कटर से वैन काटकर चारों निकाला। शोभित की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि अन्य तीनों की मौत हो गई।
पिता की मौत के बाद कुंदन ने संभाली थी घर की जिम्मेदारी
किरन के पति लालता प्रसाद वैन चलाकर अपने परिवार का खर्चा चलाते थे। लालता की करीब 6 महीने पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद बेटे कुंदन ने घर की सारी जिम्मेदारी संभाल ली थी। मोहल्ले के रहने वाले जितेंद्र यादव ने बताया कि अपने भाई श्रवण को राम स्वरुम कॉलेज से बीबीए करवा रहा था।
कुंदन की बहन कोमल, काजल और भाई सुमित भी पढ़ाई कर रहे है। पिता की मौत के बाद कुंदन सारी जिम्मेदारी को समझने लगा था। कुंदन एक फैक्ट्री में काम करने के साथ अपना ग्रेजुएशन भी कर रहा था। कुंदन अपनी कमाए हुए पैसों भाई बहनों की फीस और घर का खर्चा चलाता था।
गांव में एक साथ उठेगी चार अर्थियां
एक ही गांव के चार लोगों की मौत की खबर से पूरे गांव में मातम छा गया। सूचना मिलते ही गांव व परिवार के लोगों का लोहिया अस्पताल में जमावड़ा लग गया। सभी खड़े होकर बस जिंदगी की दुंआ कर रहे थे। ग्रामीणों की भीड़ देखकर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। पुलिस ने शवों को अस्पताल की मोर्चुरी में रखवा दिया है।
किसान पथ पर स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा
104 किलोमीटर किसान पथ को 5500 करोड़ की लागत से तैयार किया गया था। जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने मार्च 2024 में किया था। इसके बाद से किसान पथ पर गाड़ियां फर्राटा भर रही हैं। संबंधित विभाग ने बिना लाइटों के जल्दबाजी में ट्रैफिक शुरू करा दिया।
किसान पथ पर स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से अंधेरा है। इसके अलावा किसान पथ रिफ्लेक्टर भी नहीं लगे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो अंधेरे में अंदाजा नहीं लग पा रहा था कि दुर्घटना में कितने लोग घायल हुए हैं। हर तरफ चीख पुकार थी लेकिन दिखाई कुछ नहीं दे रहा था। मौके से पहुंची पुलिस टॉर्च जलाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। वहीं टॉर्च की रोशनी से ही लिखा पढ़ी कर पाई।