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स्वर्ण तस्करी से जुड़ा हैं बरामद रुपयों का जखीरा। मनमाने ढंग से रिकवरी दिखा देते हैं सुरक्षाकर्मी।

स्वर्ण तस्करी से जुड़ा हैं बरामद रुपयों का जखीरा।
मनमाने ढंग से रिकवरी दिखा देते हैं सुरक्षाकर्मी।

रुपईडीहा बहराइच। पत्रकारों को यह तो जानकारी मिल गयी थी कि बुधवार की दोपहर भारतीय रुपयों की खेप पकड़ी गई गई। परंतु न तो पुलिस न ही एसएसबी ने पत्रकारों का फोन तक नही उठाया न ही कोई जानकारी दी। सुरक्षाबल धन की बरामदगी करते कहीं हैं व दिखाते कहीं हैं।

वर्तमान शासन प्रशासन के पूर्व क्षेत्रीय पत्रकारों को बरामदगी होते ही फोन किया जाता था। मीडिया कर्मी पहुंच कर पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ करता था। पूरी पारदर्शिता हुआ करती थी। गत 5, 10 वर्षो से यह पारदर्शिता बंद हो गयी। सुरक्षा बल जैसा चाहते हैं वैसा ही बरामदगी कर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर देते हैं। यह विज्ञप्ति भी 12 से 24 घंटे बाद आती है। पारदर्शिता का बिल्कुल अभाव हो चुका है।


गत 15/16 मई की रात एसएसटी ने 51 लाख 5 सौ रुपयों की बरामदगी की। 24 घंटे बाद इसकी प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। बरामदगी में पुलिस क्षेत्राधिकारी पयागपुर हीरालाल कनौजिया, नायब तहसीलदार नानपारा शैलेश कुमार अवस्थी, निर्वाचन के समय गठित जांच कमेटी के कार्यपालक मजिस्ट्रेट कर्मवीर व उप निरीक्षक श्रीप्रकाश सरोज को दिखाया गया था। किसी को भी यह जानकारी नही मिल सकी पकड़े गए लोगो का क्या हुआ।

21 दिन बाद 5 जून को पकड़ी गई रकम के बारे में भी यही खेल हुआ। 5 जून की दोपहर रुपया पकड़ा गया। दिन दहाड़े दोपहर में धन की बरामदगी हुई। आसपास के लोगो ने इसकी पुष्टि भी की। शहर के विवेकानंद नगर के एक घर को सुरक्षाकर्मी घेरे रहे। धन की एक खेप बरामद हुई। मोहल्ले में पत्रकारों के पहुंचने पर पूरी जानकारी विवेकानंद नगर के निवासियों ने बताई। लगभग बुधवार की रात 8 बजे बरामदगी की खबर वायरल हुई। वह भी अधूरी जानकारी के साथ।

बाइक सहित पकड़े गए अनुराग गुप्ता पुत्र संजय गुप्ता दोनो पिता पुत्र बाइक से बहराइच से आ रहे थे। इनके पास सुरक्षा बलों ने 62 लाख 51 हजार रुपये बरामद करने दिखाया है। जबकि बहराइच से मिले सूत्रों के अनुसार 72 लाख रुपये ये लोग लेकर चले थे। ऐसे ही खेल इस इंडो नेपाल बार्डर पर हुआ करते हैं। सुरक्षा बलों की कार्यवाही की कोई पारदर्शिता नही है। 24 घंटे बीत जाने के बावजूद न प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है।

सुरक्षा बलों ने आईसीपी रोड होते हुए नियमानुसार सामान्य नागरिकों का नेपाल आवागमन वर्जित है। फिर ये लोग आईसीपी होकर नेपाल क्यों जाने लगे। क्षेत्रवासियों को सुरक्षा कर्मियों की यह कार्यवाही नही पच रही है। हो यह रहा है कि नेपाल से सोना बहराइच जाता है। वहां से भारतीय मुद्रा रुपईडीहा कस्बे में आती है। यहाँ मुद्रा बदलने का काम करने वाले लोग उसकी नेपाली मुद्रा नेपालगंज पहुंचाने का काम करते रहते हैं। यह रकम बहराइच से लाने वाले अनुराग गुप्ता व संजय गुप्ता रुपईडीहा में ही किसी मुद्रा विनिमय करने वाले व्यक्ति को देने आ रहे थे।

बुधवार की रात 9:30 बजे तक पुलिस क्षेत्राधिकारी नानपारा राहुल पांडेय व उपजिलाधिकारी नानपारा अश्विनी पांडेय सहित एसएसबी के भी उच्चाधिकारी मौजूद रहे। देर रात तक इस कांड को अमली जामा पहनाया जाता रहा। गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक न तो एसएसबी न ही पुलिस की ओर से कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। लगता है जैसे इस मामले में बड़ा खेल किया गया है। इसकी उच्चस्तरीय गुप्तचर शाखाओं द्वारा जांच आवश्यक है।

नीरज कुमार बरनवाल रुपईडीहा
6/6/2024

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