अब पढ़िए अखिलेश यादव का X पोस्ट
उप्र में भाजपा सरकार ने ‘पुलिस व्यवस्था’ के प्रति लापरवाही भरा नजरिया अपना रखा है। जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है।
ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाकायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?
अखिलेश ने आगे लिखा कि पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है।क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाजे से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है।
अपने आरोप के आधार के रूप में वे कोरोना वैक्सीन बनाने वाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे भाजपा ने नियम विरूद्ध जाते हुए वैक्सीन बनाने वाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की।
अखिलेश ने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की खबर से और भी उबाल आ गया है। आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे।
X पोस्ट पर संजय सिंह ने जो लिखा वह भी पढ़िए
उत्तर प्रदेश में पुलिस की भर्ती ठेके पर होने जा रही: संजय सिंह
आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट के जरिए कहा कि, भारत की सेना में अग्निवीर के जरिए ठेके पर जवान भर्ती किए गए। इसके बाद अब उत्तर प्रदेश में पुलिस की भर्ती ठेके पर होने जा रही है। यह देश और उत्तर प्रदेश की सुरक्षा के साथ मजाक है।
सांसद संजय सिंह ने वीडियो के माध्यम से कहा कि, “यूपी में इससे पहले पुलिस भर्ती पेपर लीक से 60 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद हुआ। अभी इसकी जांच चल ही रही थी, कि अब ठेके पर पुलिस की भर्ती होने वाली है।
उत्तर प्रदेश के सुरक्षा के साथ जैसा मजाक किया जा रहा है, वैसा गुजरात में भी किया गया है। गुजरात में भी ठेके पर पुलिस की भर्ती की जाती है। क्या गुजरात का मॉडल यूपी में लागू किया जा रहा है। यह फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए क्योंकि अगर पुलिस की भर्ती ठेके पर होने लगी तो वह न ही जनता के प्रति जवाबदेह रहेंगे और न ही सरकार के प्रति।