
लखनऊ बार एसोसिएशन के वकीलों ने शुक्रवार को हजरतगंज में जमकर हंगामा किया। अधिवक्ता गांधी प्रतिमा पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। विधानसभा जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर वकीलों को रोक दिया गया। अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 का विरोध कर रहे थे।
वकीलों का कहना है कि अधिवक्ता संशोधन बिल-2025 वकीलों के अधिकारों का हनन करेगा। उनकी स्वतंत्रता को सीमित कर देगा। उन्होंने सरकार से इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की है।



पुलिस और वकीलों के बीच धक्का-मुक्की
प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने जब विधानसभा की ओर कूच करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग कर रोक दिया। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि, पुलिस ने स्थिति संभाल ली और वकीलों को समझाने की कोशिश की।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई है। शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान वकील और पुलिसकर्मी काफी देर तक आमने-सामने रहे और नारेबाजी चलती रही।
लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रसाद तिवारी (एडवोकेट), महामंत्री बृजभान सिंह भानु (एडवोकेट), संयुक्त मंत्री आशीष राय (एडवोकेट) समेत सेंट्रल बार एसोसिएशन और अन्य सैकड़ों की संख्या में वकील प्रदर्शन में मौजूद रहे।
वकीलों की प्रमुख मांगे
- प्रस्तावित बिल को तत्काल वापस लिया जाए।
- अधिवक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की जाए।
- सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा और हितों पर ध्यान दे।