लखनऊ में सीवर सफाई के लिए सुरक्षा मानक सख्त कर दिया गया है। सुरक्षा उपकरण के बिना अगर काम होता है तो संबंधित फर्म के अलावा विभागीय इंजीनियरों पर भी कार्रवाई होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो कार्यदायी संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इसमें सबसे पहले यह तय किया गया है कि सीवर और जल निगम की बाकी योजनाओं में वहीं मजदूर काम करेंगे जो श्रम विभाग में पंजीकृत होंगे। इसका लाभ मजदूरों को मिलेगा। अगर कोई हादसा होता है तो श्रम विभाग का बीमा और बाकी योजनाओं का लाभ भी मजदूर को मिलेगा।
पिछले दिनों लखनऊ में सीवर सफाई के दौराप पिता-पुत्र की मौत हो गई थी। इसके बाद से इसको लेकर सक्रियता तेज कर दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि कार्यस्थल पर बोर्ड लगाकर सभी आकस्मिक सेवाओं के नंबर लिखे जाएंगे। इसमें फायर, चिकित्सा सेवा, अपर जिलाधिकारी, विभागीय इंजीनियर के नंबर बोर्ड पर होना अनिवार्य है।
इन बातों का भी रखना होगा ध्यान
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सीवर लाइन बिछाने के साथ ही मैन होल का निर्माण होगा
- मानक के हिसाब से मैन होल की सफाई के दौरान ढक्कन खोले जाएंगे। इससे जहरीली गैस निकल जाएगी।
- मैन होल की सफाई से पहले उसमें आक्सीजन के स्तर की जांच होगी।
- मौके पर प्राथमिक चिकित्सा किट रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
- बिजली संबंधित इंतजाम रहेंगे। अवैध बिजली कनेक्शन नहीं लिया जाएगा।
- खुदाई के दौरान यातायात डायवर्जन करना जल निगम का काम होगा।
- डेढ़ मीटर सेअधिक गहराई की सीवर लाइन की खुदाई में टिंबरिंग होने पर ही खुदाई होगी।
- हानिकारक गैस, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन की पुष्टि गैस डिटेक्टर से होगी।
- सुरक्षा उपकरण जैसे-मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर, सेफ्टी बेल्ट, हुक, रस्सी के साथ श्रमिकों को मैन होल में उतारा जाएगा।
- सफाई करने वाले मजदूर के रस्सी का एक सिरा बाहर खड़े मजदूर के हाथ में होगा।