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अब चायनीज लहसुन की तस्करी चरम पर।

रुपईडीहा बहराइच। नेपाली क्षेत्र से भारतीय क्षेत्र में देसी घी, जड़ीबूटी व चायनीज लाइटर सहित कॉस्मेटिक आइटम की तस्करी तो हो ही रही थी। अब चायनीज लहसुन की तस्करी भी जोर पकड़ चुकी है।
इंडो नेपाल बार्डर पर सीमावर्ती अंतर्राष्ट्रीय तस्करों का गैंग इन सारी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। दोनो देशों में तस्करी व अवांछनीय गतिविधियों व तस्करी को रोकने के लिए पुलिस, कस्टम नेपाल में एपीएफ व भारतीय क्षेत्र में एसएसबी की तैनाती है। केंद्र व प्रान्त की गुप्तचर एजेंसियों के दर्जनों अधिकारी व कर्मचारियों की तैनाती है। इतना सब होते हुए भी भारत से नेपाल व भारत से नेपाल प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी खुलेआम हो रही है।

चायनीज लहसुन की तस्करी खुलासा तब हुआ जब रुपईडीहा से एक चायनीज लहसुन लदी मेटाडोर एसएसबी ने बाबागंज में पकड़ ली। पकड़े गए लोगो ने रुपईडीहा कृषि उत्पादन मंडी समिति के प्रपत्र दिखा दिए। फलस्वरूप एसएसबी ने मेटाडोर को छोड़ दिया गया।

क्या कहते हैं मंडी समिति रुपईडीहा के कर्मचारी*
इस संबंध में जब मंडी समिति रुपईडीहा का कामकाज देख रहे राधेश्याम तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रुपईडीहा मंडी में जो सामान आएगा व जो जाएगा उसकी मंडी ली जाएगी व उसको रशीद दी जाएगी। मंडी में कहां से क्या माल आया इससे हमारा कोई लेना देना नही है।

रुपईडीहा मंडी से कहीं भी माल जाएगा उसका शुल्क लेकर रशीद दी जाएगी।
इस संबंध में जब मंडी इंचार्ज दिनेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि व्यापारी हमे बताता है कि हमे अमुक स्थान पर माल भेजना है तो हम लोग डेढ़ प्रतिशत मंडी शुल्क लेकर प्रपत्र बना देते हैं।

इस प्रकार एक सुनियोजित ढंग से प्रतिबंधित चायनीज लहसुन की तस्करी भारतीय क्षेत्र में हो रही है। तस्कर गैंग रुपईडीहा के पूरब व पश्चिम जनहीन मार्गो से कैरियर्स द्वारा चायनीज लहसुन की तस्करी करा लेते हैं। रुपईडीहा के निर्धारित गोदामों में लहसुन डंप किया जाता है। फिर मेटाडोर द्वारा नानपारा, बहराइच, रिसिया व लखनऊ तक इसे भेजा जा रहा है। एजेंसियां इसे रोकने में असफल सिद्ध हो रही हैं।

5/9/2024

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