खराब गुणवत्ता की शिकायत पर हुआ था विवाद
विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र श्रीवास्तव और एम पी तिवारी ने बताया कि इस मामले मे घायल की पत्नी संगीता रावत ने थाना गोमती नगर मे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। कहा गया कि उसका पति भवान सिंह रावत सीएमएस स्कूल में निर्माण अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उसी स्कूल में विपक्षी चंद्र प्रकाश मिश्रा वा अन्य सप्लाई आदि का कार्य करते थे। जिसकी खराब गुणवत्ता की शिकायत उन्होंने स्कूल के उच्च अधिकारियों से की थी।
29 दिसंबर 2003 को दोपहर में वह किसी दोस्त से मिलने गोमती नगर गए थे तो वही पर आरोपियों ने उसके पति को जान से मारने की नियत से उन पर गोली चला दी। जिसके कारण वह घायल हो गए थे। चंद्र प्रकाश मिश्रा की मृत्यु हो जाने के कारण उसका मुकदमा समाप्त कर दिया गया। एक अन्य अभियुक्त जब्बार द्वारा पूर्व में ही जुर्म स्वीकार कर लेने के कारण उसकी पत्रावली मूल वाद से अलग कर दी गयी थी। साथ ही न्यायालय ने अपने निर्णय में 2 अन्य अभियुक्त देवनरायण सिंह एवम राम सनेही को सभी धाराओं से दोषमुक्त करने का आदेश भी जारी किया।
बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले को पांच साल की सजा
9 वर्ष की बच्ची के साथ दुराचार के प्रयास के आरोपी गनेश को अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्याम मोहन जायसवाल ने 5 वर्ष के कठोर कारावास औरबीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले मे पीड़िता की माता ने 2 फरवरी 2016 को थाना गुडम्बा मे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि आरोपी उसकी पुत्री को दस रुपए का लालच देकर बहला फुसला कर एकांत जगह ले गया। बच्ची के चिल्लाने पर आरोपी वहां से भाग गया था।