सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार स्कूलों में सुरक्षा के क्या उपाय हैं? यह सवाल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है। साथ ही स्कूलों की सुरक्षा को लेकर अब तक क्या-क्या किया गया है, इस पर भी 3 सप्ताह में शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कई इंतजाम किए हैं। लेकिन सरकार के जवाब से हाईकोर्ट के जज संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद सरकार को 3 सप्ताह का समय देकर पूरा जवाब और शपथपत्र मांगा गया है। साथ ही मामले में अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख तय की है।
जनहित याचिका पर लखनऊ खंडपीठ ने की सुनवाई
यह आदेश जस्टिस आलोक माथुर और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच ने गोमती रिवर बैंक रेजीडेंट्स की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। यह याचिका 2020 में दायर की गई थी। याचिका के माध्यम से शहर के रेजिडेंशियल एरिया में चलने वाले स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है।
याचिका पर पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट ने अविनाश मेहरोत्रा मामले में 14 अगस्त 2017 को बच्चों की सुरक्षा और स्कूलों में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने को लेकर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके तहत डीआईओएस को नोडल अधिकारी नियुक्त करने की बात कही गई थी।
सरकार ने बताया कि 28 दिसंबर 2017 को पत्र जारी करते हुए बेसिक एजुकेशन व सेकेंडरी एजुकेशन के प्रमुख सचिवों तथा सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए थे। यह भी जानकारी दी गई कि 18 जनवरी 2018 को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को शीर्ष अदालत के दिशा-निर्देश के क्रम में आवश्यक कार्रवाई करनी है।