लखनऊ की समिट बिल्डिंग में नशे में भिड़े युवक-युवतियां:बवाल बढ़ा तो बार पहुंची पुलिस; आबकारी टीम ने रात 1 बजे बंद कराया जे-क्लब
वहीं, दूसरी तरफ आधी रात के बाद आबकारी टीम एक्टिव हुई। टीम गोमती नगर के जे-क्लब पहुंची। यहां जांच की तो देर रात तक क्लब खुला था। जिसे बंद कराया गया।
समिट बिल्डिंग के आसपास के लोगों की मानें तो यहां अक्सर इस तरह का बवाल होता रहता है। नाबालिग लड़के-लड़कियां रोजाना नशा करने पहुंचते हैं। रात को लड़ाई झगड़े भी होते हैं। पुलिस कार्रवाई नहीं करती है।
नशे में कई नाबालिग लड़कियां
देर रात जब पुलिस क्लब को बंद कराने पहुंची तब कई नाबालिग लड़कियां थी। वह सीढ़ियों पर लड़खड़ाती दिखीं। कई बार तो ऐसा लगा कि सीढ़ी से उतरते समय लड़कियां गिर न जाएं। ज्यादातर लड़कियां 21 वर्ष से कम की थी। नियम है कि क्लब में 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब नहीं परोसी जा सकती। लेकिन लखनऊ के कई क्लबों में यह नियम नहीं फॉलो होता।क्लब में रात 12 बजे के बाद भी युवक-युवतियों का आना-जाना जारी था।
पुलिस पहुंची, फिर भी होती रही क्लब में एंट्री
गोमती नगर स्थित समिट बिल्डिंग के 13वें फ्लोर पर माय बार क्लब है। यहां हुए बवाल के बाद जब पुलिस पहुंची, तब भी लड़के-लड़कियां क्लब पर जा रहे थे। जब वीडियो बनाना शुरू किया, तब चौकी प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह अपनी टीम के साथ हरकत में आए। लेकिन मौके पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मॉय बार में पहले भी हो चुका है झगड़ा
माय बार क्लब में पहले भी कई बार झगड़ा हो चुका है। विवाद के वीडियो भी वायरल हुए थे। 3 साल पहले इसी वजह से क्लब को बंद करा दिया गया था। समिट बिल्डिंग के आस-पास रहने वाले लोग भी यहां के विवादों से परेशान हो चुके हैं। हालात यह है कि शनिवार-रविवार को लोग रात 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलने में डरते हैं।
जे-क्लब में देर रात तक परोसी जाती है शराब- आबकारी टीम पहुंची
गोमती नगर विस्तार सेक्टर 4 स्थित जे-क्लब में रात को आबकारी टीम जांच के लिए पहुंची। आरोप है कि यह क्लब सुबह 3 या कई बार 4 बजे तक खुला रहता है। जबकि क्लब के पास इतनी रात तक शराब परोसने का लाइसेंस नहीं है। आबकारी विभाग की पॉलिसी है कि रात 2 बजे के बाद किसी भी स्थिति शराब नहीं परोसी जा सकती। क्लब का डीजे तो उससे पहले ही बंद हो जाना चाहिए।
दो महीने के भीतर कई बार विवाद
यह क्लब 8 मार्च को शुरू हुआ था। महज दो महीने के भीतर ही यहां कई बार विवाद भी हो चुका है। स्थिति यह है कि महज 600 मीटर की दूरी पर गोमती नगर विस्तार थाना है। इसके बावजूद क्लब संचालकों पर कोई असर नहीं पड़ता।
इसलिए कम होती है क्लब में कार्रवाई
बताया गया कि यह क्लब पूर्वांचल के एक ताकतवर विधायक के रिश्तेदार का है। सत्ता और शासन में उसकी अच्छी पकड़ है, इसी वजह से भोर तक क्लब चलता रहता है। कार्रवाई भी नहीं होती है।